स्वास्थ्य या स्वस्थ जीवन क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार स्वास्थ्य या स्वस्थ जीवन वह जीवन हैं जिसमे हम शारीरिक, मानसिक और सामाजिक तीनो दिशाओ में स्वस्थ हों। स्वस्थ होना सिर्फ बीमारी का न होना भर नहीं है बल्कि आपकी शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्थिति का सही होना है। मतलब शारीरिक, मानसिक अथवा सामाजिक बुरी परिस्थति आ जाये तो आप अपने आप को संभाल पाएं। [1]
स्वथ्य होना एक ऐसा आयाम है जिसके होने से आप सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं। [2]
स्वास्थ्य सभी व्यक्तियों का मौलिक अधिकार है, फिर वो चाहें किसी भी समुदाय, जगह, धर्म, राजनीतिक विचारधारा अथवा गरीब या अमीर हों। [1]
स्वास्थ्य के शारीरिक , मानसिक एवं सामाजिक आयाम के अतिरिक्त और भी आयाम हैं, जैसे की इमोशनल, स्पिरिचुअल, पोलिटिकल इत्यादि।
हम इस ब्लॉग में हम शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं इमोशनल स्वास्थ्य के बारे में बात करेंगे।
1. शारीरिक स्वास्थ्य
शारीरिक रूप से स्वस्थ होने का मतलब है की आपके शरीर के सभी अंग अपना आपना काम बेहतर तरीके से कर रहे हैं। और शरीर के सभी अंग आपस में भी संतुलन में हैं ।
अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य के मापदंड: [3]
- चमकती त्वचा
- चमकती आँखे
- मीठी सांस
- सुनहरे बाल
- सही वजन BMI कैलकुलेटर
- सही भूख
- पर्याप्त नींद
- साफ़ पेट
- शारीरिक सुदृढ़ता
- अन्य : ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, व्यायाम करने की क्षमता इत्यादि।
2. मानसिक स्वास्थ्य
मेंटल हेल्थ या मानसिक स्वास्थ्य मानसिक बीमारीयों का न होना भर नहीं है। बल्कि यह अपने अनुभव के आधार पर सामने आने वाली चुनौतियों से लड़ने या कहें की चुनौतियों का सामना करने की पर्याप्त शक्ति होना है। [4]
परिभाषा: मानसिक रूप से स्वस्थ होने का मतलब है कि हम अपने आस पास के वातावरण के साथ संतुलन बना पा रहे हैं। हम खुद के और दूसरो से साथ खुश और आपसी भाईचारे से रहने में सक्षम हैं। [4]
अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण:
- व्यक्ति का खुद के साथ निरंतर युद्ध से मुक्त होना
- दूसरो की बातो को दिल पर नहीं लेना
- खुद की खोज में रहना
- आत्म सम्मान
- अपने कर्तव्यों, समस्याओं, और प्राथमिकताओं बारे में ज्ञान होना [5]
3. सामाजिक स्वास्थ्य :
सामाजिक स्वास्थ्य का मतलब है की व्यक्ति अपने, दूसरो और अपने आस पास के संसार के प्रति सद्भाव की भावना रखता है।
सामाजिक स्वास्थ्य आपकी सोशल स्किल्स, आपका सामाजिक व्यव्हार और आपका अपने आपको एक बड़े परिवार का हिस्सा मानने में निहित है। [5]
4. इमोशनल स्वास्थ्य:
कुछ समय पहले तक मेंटल एवं इमोशनल हेल्थ को एक ही माना जाता था । मॉडर्न साइंस इन्हें अलग अलग मानती है। [7]
मेंटल हेल्थ का तात्पर्य “जानने” वाली वस्तुओं से होता है, वहीं
इमोशनल हेल्थ का तात्पर्य हम क्या “महसूस” कर रहे हैं, इससे है।
हमारे स्वास्थ्य के निर्धारक :
नीचे दिए गए चित्र से आप समझ पाएंगे की हमारे स्वास्थ्य को हमारे आस पास की कितनी चीज़े प्रभावित करती हैं। [8]
हेल्दी लाइफ के 24 सिंपल सूत्र :
यह तो निश्चित है की अगर आप सेहत बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो मान कर चलिए इस प्रक्रिया में टाइम लगने वाला है। आपको स्वास्थ्य के सभी आयामों को समझकर, समग्र स्वास्थ्य के लिए निरंतर काम करना होगा।
हमने अब तक की गई बातचीत में देखा कि हमारा स्वास्थ्य, केवल शारीरिक चीजों तक सीमित नहीं है। हमारे स्वास्थ्य के लिए हमें शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक पहलुओं का भी ध्यान रखना होगा।
हमें स्वस्थ रहने के लिए स्वास्थ्य के इन सभी आयामों पर काम करना होगा।
आगे देखेंगे कि हमारे स्वास्थ्य के इन आयाम की प्रमुख समस्याएं क्या है, और हम उनका कैसे समाधान कर सकते हैं।
शारीरिक स्वास्थ्य की प्रमुख समस्याएं और उनके समाधान:
1. सुस्त जीवनशैली
समाधान: रोजमर्रा के जीवन में कम से कम 30 मिनट मध्यम से तीव्र शारीरिक व्यायाम करना जरूरी है। अपने रोजमर्रा के घर के काम, साइकलिंग, और टहलते समय तेज तेज चलना भी आपको सुस्त जीवन शैली से होने वाली बीमारियों से बचा सकते हैं। [9]
2. खराब खाना खाने की आदतें
समाधान: अपने खाने की आदतों में सब्जियां फल प्रोटीन वाले सबूत ग्रेन (दलिया, चने, मूंग, जौ, बाजरा, रागी) की मात्रा बढ़ाएं और बाहर के फास्ट फूड या रेडी टू कुक फूड से बचे। फल और सब्जियों को अपने मूल रूप में खाने (जैसे ड्राई फ्रूट्स एवं फल) से भविष्य में होने वाली क्रॉनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से बचा जा सकता है।[10] Tips For Healthy Lifestyle.
3. नींद की कमी
समाधान: अपने जीवन में सोने और उठने के समय को निर्धारित करें। अपने सोने के लिए एक आरामदायक माहौल तैयार करें और बिस्तर पर जाने से पहले अपना मोबाइल बंद कर दें या साइड में रख दें। आपका शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप रोज किस समय सोते हैं, किस समय उठते, कितना सोते हैं और क्या आप अपने सोने के टाइम टेबल को फॉलो कर पाते या नहीं। [11]
4. शरीर में पानी की कमीं
समाधान: गर्मियां शुरू हो गई है। आपको रोज कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए और इसके साथ गर्मियों के फल जैसे की ककड़ी और तरबूज अपने डाइट में शामिल करना चाहिए आपके शरीर को ठीक से काम करने के लिए रोजाना कम से कम दो से ढाई लीटर पानी की आवश्यकता होती है। अपने शरीर में पानी की नार्मल मात्रा को बनाए रखें। [12] Healthy Life Wellhealthorganic
5. अधिक तनाव की स्थिति
आपने हमारे पिछले ब्लॉग में यह पढ़ा होगा कि चिंता या तनाव करने से यह और अधिक बढ़ता है। तो इस बात का समाधान क्या है?
- सांस के व्यायाम जैसे अनुलोम विलोम, कपालभाति
- मेडिटेशन
- योगा
उपरोक्त उपाय करने से आपके शरीर में तनाव से उत्पन्न होने वाले हार्मोंस की मात्रा में कमी आएगी और आप अच्छा महसूस करेंगे। [13]
अधिक जानकारी के लिए हमारा ये ब्लॉग पढ़े: टेंशन फ्री व्यस्त जीवन कैसे जिया जाये ?
6. खराब तरीके से बैठना या खड़े होना
समाधान: आपकी भागदौड़ भरी जिंदगी में अगर आप भी कमर दर्द से परेशान है तो आपको अपनी कमर की कोर मसल्स को मजबूत करना होगा और अपने काम करने की जगह को कमर के लिये अधिक आरामदायक बनाना होगा। [14]
मानसिक स्वास्थ्य की प्रमुख समस्याएं और उनके समाधान :
1. चिंता
समाधान: माइंडफुलनेस, मेडीटेशन, एवं कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी आपकी इस समस्या में लाभदायक है। माइंडफुलनेस एवं कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी चिंता को कम करने में लाभदायक साबित हुई है। [15]
2. अवसाद
समाधान: अगर आप अवसाद में हैं तो मनोचिकित्सक की सलाह लें और अपने प्रिय जनों के संपर्क में रहे और ऐसे कामों में व्यस्त रहें जिनसे आपका मूड अच्छा होता हो जैसे कि व्यायाम या आपकी रुचियां। खासकर व्यायाम करना अवसाद को कम करने के सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक है। [16]
3. व्याकुल हो जाना
समाधान: अपने काम को छोटे-छोटे कामों में बांट लें। सभी कामों को उनकी प्रमुखता के हिसाब से पूरा करें। काम में किसी की सहायता लेने से हिचकिचाये नहीं। ये तकनीकें आपको व्याकुल होने से बचा सकती हैं, और आपकी प्रोडक्टिविटी (एकाग्रता के साथ काम करने की क्षमता) को बढ़ा सकती हैं। [17]
4. नई चीजों को न सीखना
समाधान: अपने दिमाग को नई-नई पहेलियां सुलझाने और किताबों को पढ़ने में व्यस्त रखें। नई स्किल्स को सीखें (जैसे कि गार्डनिंग या गिटार बजाना) और पढ़ाई करते रहें। हमेशा कुछ न कुछ नईं चीजों को सीखने की चाह आपको बुढ़ापे में भूलने की बीमारियों से बचा सकता है।[18]
5. भूलने की समस्या
समाधान: उम्र बढ़ाने के साथ कुछ लोगों में चीजों को भूलने की समस्या आम है। ऐसी स्थिति में अपने पास चीजों को नोट करने के लिए एक डायरी रखें। अपनी जीवन शैली को सुधारें और दिमाग को तेज करने के लिए ड्राई फ्रूट्स और मछली का सेवन करें। [19]
6. एकाग्रता में कमी
समाधान: अपने काम की जगह को साफ सुथरा एवं सलीके से रखें। विचलित या डिस्ट्रैक्टेड ना हो। पोमोडोरो जैसी तकनीक का इस्तेमाल करें। पोमोडोरो जैसी तकनीकें आपकी एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करती हैं और आपकी कार्य क्षमता को भी प्रभावित करती हैं। [20]
पोमोडोरो तकनीक को इस ब्लॉग के अंत में दिया गया है।
सामाजिक स्वास्थ्य की प्रमुख समस्याएं और उनके समाधान :
1. अपने आप को अलग-थलग करना
समाधान: इस बात पर हमने अपने दूसरे ब्लॉग्स में भी बात की है की अकेला रहना कितना नुकसानदायक है। अपने जीवन में आपको कुछ निर्णय लेने होंगे। आपको खुद ही लोगों से मिलना होगा या ऐसे समूह (ग्रुप) को ज्वाइन करना होगा जो आपकी रुचियों के अनुसार है।
आपको अपने चुनिंदा दोस्तों को बचा के रखना होगा और दोस्तियों को बनाकर भी रखना होगा। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। अगर हम अपने परिवार, अपने दोस्तों, अपने समुदाय और समाज के साथ अच्छे से घुल मिलकर रहते हैं तो यह हमारे तनाव को कम करता है और हमारे अकेले रहने की आदत को भी सुधारता है। [21]
2. रिश्तो में खटास
समाधान: एक बड़ी ही इंटरेस्टिंग किताब है “सेवन प्रिंसिपल्स फॉर मेकिंग मैरिज वर्क”। इस किताब में गॉटमैन लिखते हैं कि रिश्तों को बचाने के कुछ तरीकों में :
- आपस में हर मसले पर बातचीत करना
- एक दूसरे को सुनने की लगातार आदत डालना, और अगर चीजें नहीं संभाल रही हैं तो
- रिलेशनशिप काउंसलिंग लेने के बारे में विचार करना
गॉटमैन आगे लिखते हैं कि हमें रिश्तो में बातचीत की भूमिका को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आपस में बातचीत करना किसी भी समस्या का समाधान हो सकता है। [22]
3. काम और परिवार के बीच सतुलन
समाधान: अपने समय को आप ऐसे विभाजित करे कि आपको पता हो कि काम के समय काम और परिवार-जनो का समय अलग। अपने काम के समय, परिवार के समय, और दोस्तो/समाज के साथ बिताये जाने वाले समय को पहले से निर्धारित रखें। अपनी छुट्टी के समय का आनंद लें और परिवार और समुदाय से घुले मिले। [23]
4. टकराव की स्थिति से निपटना
समाधान: किसी भी टकराव की स्थिति में हम कुछ तकनीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि :
- टकराव के मुद्दे को सम्मान के साथ संबोधित करना
- दूसरे व्यक्ति के दृष्टिकोण को समझना
- सकारात्मक बातचीत को बढ़ावा देना [24]
5. समाज से दूरी
समाधान: आपने अपने आस पास देखा ही होगा घूमकर, क्या कर रहें हैं सब ? सब अपने अपने स्क्रीन पर व्यस्त हैं। अपने आस पास के मंदिर , मस्जिद जायें, सामाजिक कार्यों में अपने आप को वालंटियर करें, कम्युनिटी के कामों में अपनी भूमिका बढ़ाएं, इससे आप कम्युनिटी से और अधिक जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। साथ मिलकर काम करने से आप कम्युनिटी के साथ और अधिक जुड़ा हुआ महसूस करते हैं, और ऐसे आप अपने सामाजिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देते हैं। [25] Well Health Tips In Hindi Wellhealthorganic.
6. ज्यादा डिजिटल बातचीत
समाधान: आजकल के डिजिटल युग में हम सभी एक दूसरे से बहुत अच्छे से जुड़े हैं। अगर हम दूर हैं तो हम अपनों से कभी भी और किसी भी समय बात कर सकते हैं और यह सब डिजिटल वातावरण की वजह से संभव हुआ है।
परन्तु हम आजकल आमने-सामने बैठकर बात करने के महत्व को भूल गए हैं।
जितना हो सके प्रयास करें कि आप फोन की बजाय सामने से बात करें और जब भी संभव हो फोन मैं बात करने की बजाय मिलने का प्रस्ताव रखें। लोगों से रियल लाइफ में मेल-जोल से संबंधों में सुधार होता हैऔर यह ज्यादा काम की (मीनिंगफुल) बातचीत को बढ़ावा देता है। [26]
भावनात्मक स्वास्थ्य की प्रमुख समस्याएं और उनके समाधान :
1. इमोशनल थकावट
समाधान: अपनी इमोशनल थकावट के लक्षणों को पहचाने, और रिलैक्स करने और मजा करने में पीछे ना रहे हैं। ऐसे काम करें जिन्हें करने में आपको मजा आता है। ऐसा करने से आप अपनी इमोशनल ऊर्जा को वापस पा सकेंगे। [27]
2. इच्छाओं को दबा कर रखना
समाधान: अपने आप को और अपनी इच्छाओं को नैचुरली प्रकट होने दें। इसके लिएआप डायरी लिख सकते हैं या पेंटिंग या आर्ट बना सकते हैं। अगर आप अपनी इच्छाओं और अपने इमोशंस के बारे में लिखते हैं तो यह आपको अंदर से हील (मन के घाव भरने का काम भी) करता है और आपके इमोशंस को बैलेंस रखने में मदद करता है। [28]
3. आत्मविश्वास में कमी
समाधान: हमेशा सकारात्मक जवाब देने का अभ्यास करें। संभव होने वाले लक्ष्य का चुनाव करें। अपनी छोटी-छोटी कामयाबियों का जश्न मनाएं। ऐसा करने से आप अपने आत्मविश्वास में बढ़ोतरी कर सकते हैं। और मजे की बात यह है कि इन सब चीजों को सीख जा सकता है। [29]
4. गुस्से पर काबू न रख पाना
समाधान: अगर आपको छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आता हैतो इन नियमों की गांठ बांध लें।
- गुस्सा आने पर ब्रेक लें
- गहरी गहरी सांसे लें
- अपनी बात को रखने के लिये उचित शब्दों का चयन करें
ये सब बातें आपको गुस्से को काबू में रखने, और इसके नुकसान से बचने में सहायता कर सकती हैं। [30]
5. भावनात्मक अस्थिरता (Emotional Instability In Hindi)
समाधान: अपना रोज का रूटीन एक दिन पहले बनाकर रखें, अपने रूटीन को फॉलो करें, भरपूर नींद ले और अपने इमोशंस पर काबू पाने के लिए माइंडफुलनेस प्रेक्टिस करें। हमारे दैनिक जीवन में संतुलन और माइंडफुलनेस से हमारी भावनाओं पर काबू पाया जा सकता है। [31]
6. माफ ना कर पाना
समाधान: क्या आपको पता है कि लोगों को माफ करने से अंदर से शांति का अनुभव होता है?
अगर आपने ऐसा नहीं किया है तो आप आजमा कर देख सकते हैं। अपनी सहानुभूति दिखाने की क्षमता और अपने समझदारी की क्षमता का अवलोकन करें और इसे बढ़ाने का प्रयास करें। दूसरों के बारे में सोचना, उनके विचारों को उनके तरीके से समझना, और लोगों को उनकी गलतियों के लिए माफ करना आपके इमोशनल स्वास्थ्य और आपकी अपनी वृद्धि के लिए चमत्कारी उपाय हैं। [32]
पोमोडोरो तकनीक [33]
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