Asthma: क्या आपको भी सांस लेने में होती है परेशानी? जानिए कहीं अस्थमा तो नहीं

Asthma: अस्थमा एक श्वसन संबंधी बीमारी है जो फेफड़ों को प्रभावित करती है। यह ब्रोन्कियल ट्यूब में सूजन और संकुचन का कारण बनती है, जिससे हवा का प्रवाह बाधित होता है और सांस लेने में तकलीफ होती है। अस्थमा एक गंभीर बीमारी हो सकती है और अगर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह जीवन के लिए खतरा भी बन सकती है।

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Asthma: क्या आपके बच्चे को भी सांस लेने में होती है परेशानी? जानिए कहीं अस्थमा तो नहीं

इस लेख में, हम अस्थमा के बारे में अधिक जानेंगे, जिसमें इसके कारण, लक्षण, निदान और उपचार शामिल हैं।

Asthma: क्‍या है अस्‍थमा

Asthma: अस्थमा (दमा) फेफड़ों की एक बीमारी है, जिसके कारण सांस लेने में कठिनाई होती है। अस्थमा होने पर श्वास नलियों में सूजन आ जाती है, जिससे श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है। श्वसन नली में सिकुड़न के चलते रोगी को सांस लेने में परेशानी होती है, सांस लेते समय आवाज आती है, सीने में जकड़न महसूस होती है, और खांसी की समस्याएं होने लगती हैं। लक्षणों के आधार पर अस्थमा के दो प्रकार होते हैं: बाहरी और आंतरिक अस्थमा। बाहरी अस्थमा बाहरी एलर्जन के प्रति एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है, जो पराग, जानवरों, और धूल जैसे बाहरी एलर्जिक चीजों के कारण होता है। आंतरिक अस्थमा कुछ रासायनिक तत्वों को श्वसन द्वारा शरीर में प्रवेश होने से होता है, जैसे कि सिगरेट का धुआं, पेंट वेपर्स आदि। 

Asthma: अस्थमा के लक्षण

सामान्य लक्षण:

  • सांस लेने में तकलीफ या तकलीफ महसूस होना
  • सीने में जकड़न या दर्द
  • सांस छोड़ते समय घरघराहट या सीटी जैसी आवाज आना
  • खांसी, खासकर रात में या व्यायाम के बाद
  • सांस लेने में तकलीफ के कारण नींद में परेशानी

अस्थमा के दौरे के लक्षण:

  • उपरोक्त लक्षणों में अचानक वृद्धि और तीव्रता
  • तेज़ी से सांस लेने में तकलीफ
  • बात करते समय सांस फूलना
  • नीले रंग का पड़ना (विशेष रूप से बच्चों में)
  • इनहेलर का कम प्रभावी होना

अस्थमा के लक्षणों में बदलाव दर्शा सकते हैं कि आपका अस्थमा बिगड़ रहा है:

  • अस्थमा के लक्षणों की अधिकता और गंभीरता में वृद्धि
  • सांस लेने में तकलीफ में वृद्धि, जैसा कि पीक फ्लो मीटर द्वारा मापा जाता है
  • जल्दी राहत देने वाले इनहेलर का अधिक बार उपयोग

कुछ विशेष परिस्थितियों में अस्थमा के लक्षण खराब हो सकते हैं:

  • ठंडी और शुष्क हवा: सर्दियों में अस्थमा के लक्षण बिगड़ सकते हैं।
  • व्यायाम: व्यायाम-प्रेरित अस्थमा व्यायाम के दौरान या बाद में लक्षण पैदा करता है।
  • एलर्जी: पराग, धूल के कण, पालतू जानवरों की रूसी और मोल्ड जैसे एलर्जी अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं।
  • रासायनिक पदार्थ, धुंआ और धूल: कार्यस्थल में ये पदार्थ व्यावसायिक अस्थमा का कारण बन सकते हैं।

Asthma: कारण और ट्रिगर

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Asthma: कारण और ट्रिगर

Asthma: अस्थमा एक पुरानी श्वसन स्थिति है जो वायुमार्ग में सूजन और संकुचन का कारण बनती है। इससे सांस लेने में तकलीफ, खांसी, घरघराहट और सीने में जकड़न हो सकती है।

कारण:

  • आनुवंशिकी: यदि आपके परिवार में कोई अस्थमा से पीड़ित है, तो आपको भी इसका खतरा अधिक होता है।
  • वायरल संक्रमण: बचपन में गंभीर वायरल संक्रमण, जैसे श्वसन सिंकिटियल वायरस (RSV) संक्रमण, अस्थमा के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
  • स्वच्छता परिकल्पना: यह सिद्धांत बताता है कि जो बच्चे कम उम्र में पर्याप्त बैक्टीरिया के संपर्क में नहीं आते हैं, उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अस्थमा और एलर्जी से लड़ने के लिए कम मजबूत हो सकती है।

ट्रिगर:

  • स्वास्थ्य स्थितियां: श्वसन संक्रमण, जैसे सर्दी और फ्लू, अस्थमा के दौरे को ट्रिगर कर सकते हैं।
  • व्यायाम: व्यायाम, खासकर ठंडी हवा में, कुछ लोगों में अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है।
  • पर्यावरणीय एलर्जी: धूल के कण, पराग, पालतू जानवरों की रूसी और मोल्ड अस्थमा के दौरे को ट्रिगर कर सकते हैं।
  • धूम्रपान: धूम्रपान और दूसरों के धुएं के संपर्क में आना अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है।
  • तनाव: तनाव और मजबूत भावनाएं कुछ लोगों में अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकती हैं।
  • ठंडी हवा: ठंडी हवा कुछ लोगों में अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकती है।
  • दवाएं: एस्पिरिन और कुछ NSAIDs अस्थमा के दौरे को ट्रिगर कर सकते हैं।

Asthma: अस्थमा का निदान कैसे होता है?

अस्थमा का निदान करने के लिए डॉक्टर कई तरह के टेस्ट करते हैं।

यदि आपको अस्थमा के लक्षण दिखते हैं, जैसे कि बार-बार सर्दी, छींक आना, गले में खराश, या मौसम बदलने पर सर्दी-खांसी का बढ़ना, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।

डॉक्टर द्वारा किए जाने वाले कुछ सामान्य टेस्ट में शामिल हैं:

1. शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर आपके मेडिकल इतिहास और आपके लक्षणों के बारे में पूछेंगे। वे यह भी जांचेंगे कि आपके फेफड़े कितनी अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।

2. पीक फ्लो मीटर: यह एक उपकरण है जो यह मापता है कि आप कितनी तेजी से और कितनी बल से हवा निकाल सकते हैं।

3. स्पाइरोमेट्री: यह एक फेफड़े का कार्य परीक्षण है जो यह मापता है कि आप कितनी हवा अंदर और बाहर ले सकते हैं और आपके फेफड़े कितनी अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।

4. रक्त परीक्षण: रक्त परीक्षण एलर्जी या अन्य स्थितियों की जांच करने में मदद कर सकते हैं जो अस्थमा के लक्षणों का कारण बन सकती हैं।

5. छाती का एक्स-रे: एक्स-रे डॉक्टर को आपके फेफड़ों में किसी भी असामान्यता को देखने में मदद कर सकते हैं।

6. इकोकार्डियोग्राफी: यह एक हृदय परीक्षण है जो हृदय की मांसपेशियों और वाल्वों की स्थिति की जांच करता है। यह उन लोगों के लिए आवश्यक हो सकता है जिन्हें हृदय रोग भी है।

Asthma: अस्थमा का इलाज

सूजन कम करने वाली दवाएं:

  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड: ये दवाएं सांस में लेने, खाने या नसों में इंजेक्शन के माध्यम से दी जा सकती हैं।
  • ल्यूकोट्रिएन मॉडिफायर्स: ये दवाएं ल्यूकोट्रिएन नामक रसायनों के प्रभाव को रोकती हैं, जो वायुमार्ग में सूजन पैदा करते हैं।
  • मास्ट सेल स्टेबलाइजर्स: ये दवाएं मस्त कोशिकाओं को सक्रिय होने से रोकती हैं, जो सूजन और एलर्जी प्रतिक्रियाओं में योगदान करती हैं।

ब्रोंकोडायलेटर:

  • बीटा-एड्रीनर्जिक दवाएं: ये दवाएं जल्दी राहत और लंबे समय तक नियंत्रण दोनों के लिए उपलब्ध हैं। वे वायुमार्गों को खोलने में मदद करती हैं।
  • एंटीकोलिनेर्जिक्स: ये दवाएं वायुमार्ग में मांसपेशियों को आराम देने में मदद करती हैं।
  • मिथाइलxanthines: ये दवाएं वायुमार्ग को खोलने और श्वसन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

इम्यूनोमॉड्यूलेटर:

  • गंभीर अस्थमा वाले कुछ लोगों को इम्यूनोमॉड्यूलेटर दवाओं की आवश्यकता हो सकती है।
  • ये दवाएं शरीर में उन रसायनों को रोकती हैं जो सूजन पैदा करते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल जानकारी के लिए है और चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अस्थमा के इलाज के लिए आपको हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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