Breast Cancer: क्या स्तनपान कराने से कम होता है स्तन कैंसर का खतरा? जानें चौंकाने वाले तथ्य

Breast Cancer: पिछले कुछ दशकों में, भारत सहित दुनिया भर में स्तन कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यह चिंता का विषय है, खासकर युवा महिलाओं में भी इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए। माना जाता है कि आधुनिक जीवनशैली में बदलाव, जिसमें अस्वस्थ आहार, व्यायाम की कमी और देर से विवाह करना शामिल हैं.

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Breast Cancer: क्या स्तनपान कराने से कम होता है स्तन कैंसर का खतरा?

इन बढ़ते आंकड़ों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस लेख में, हम स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने, इसके कारणों को समझने और इससे बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

Breast Cancer: महिलाओं के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा

Breast Cancer: स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला एक आम प्रकार का कैंसर है। यह तब होता है जब स्तन में मौजूद कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने और विभाजित होने लगती हैं। यह स्थिति गंभीर हो सकती है और जानलेवा भी हो सकती है, इसलिए इसके बारे में जागरूक होना और समय पर इसका पता लगाना महत्वपूर्ण है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है। यह हर साल दुनिया भर में लगभग 2.1 मिलियन महिलाओं को प्रभावित करता है। 2018 में, स्तन कैंसर से 62,700 महिलाओं की मृत्यु हुई, जो महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का लगभग 15% हिस्सा है।

यह रोग किसी भी उम्र की महिलाओं को हो सकता है, लेकिन 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में इसका खतरा अधिक होता है। स्तन कैंसर के पारिवारिक इतिहास, मोटापा, देर से रजस्वस्राव, जल्दी रजोनिवृत्ति, शराब का सेवन, और धूम्रपान जैसी कुछ चीजें इस रोग के खतरे को बढ़ा सकती हैं।

Breast Cancer: स्तन कैंसर के लक्षण और संकेत

Breast Cancer: स्तन कैंसर के शुरुआती चरणों में अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, जिसके कारण इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि नियमित रूप से स्तन की स्व-परीक्षा और डॉक्टर द्वारा किए गए स्तन परीक्षण (मैमोग्राम) करवाना महत्वपूर्ण है।

स्तन कैंसर के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • स्तन में गांठ या मोटापन: यह स्तन कैंसर का सबसे आम लक्षण है। गांठ आमतौर पर कठोर और दर्द रहित होती है, लेकिन कभी-कभी दर्दनाक भी हो सकती है।
  • स्तन की त्वचा में बदलाव: स्तन की त्वचा में लालिमा, खिंचाव, या सिकुड़न हो सकती है।
  • स्तन के आकार या आकृति में बदलाव: स्तन का एक हिस्सा दूसरे हिस्से से बड़ा या अलग दिख सकता है।
  • निप्पल से तरल पदार्थ का रिसाव: निप्पल से साफ, सफेद, पीले, या भूरे रंग का तरल पदार्थ निकल सकता है। कभी-कभी, यह रक्तस्राव हो सकता है।
  • निप्पल में बदलाव: निप्पल अंदर की ओर मुड़ सकता है, खुजली या लाल हो सकता है, या त्वचा पर पपड़ी बन सकती है।
  • स्तन या बगल में दर्द: स्तन या बगल में लगातार दर्द हो सकता है।
  • स्तन की त्वचा में खुरदरापन या मोटा होना: स्तन की त्वचा संतरे के छिलके की तरह दिख सकती है या मोटी और सख्त हो सकती है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये लक्षण स्तन कैंसर के अलावा अन्य स्थितियों के कारण भी हो सकते हैं। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।

स्तन कैंसर के शुरुआती चरणों में इसका पता लगाने और सफलतापूर्वक इलाज करने की संभावना को बढ़ाने के लिए नियमित स्तन स्व-परीक्षा और स्तन परीक्षण करवाना महत्वपूर्ण है।

Breast Cancer: स्तन कैंसर के प्रमुख कारण

1. आनुवंशिकी: स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कुछ जीनों में परिवर्तन विरासत में मिल सकते हैं। BRCA1 और BRCA2 जीन में म्यूटेशन स्तन कैंसर के खतरे को काफी बढ़ा देते हैं। यदि आपके परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास है, तो आपको इन जीनों के लिए जांच करवानी चाहिए।

2. उम्र: जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, स्तन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। 50 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं में स्तन कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।

3. हार्मोनल कारक: महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन के स्तर में बदलाव स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। देर से रजस्वसाव, लंबे समय तक हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का उपयोग, और पहले बच्चे को जन्म न देना स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कारक हो सकते हैं।

4. मोटापा: अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में, विशेष रूप से रजस्वसाव के बाद, स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

5. जीवनशैली: अस्वस्थ जीवनशैली, जिसमें शराब का सेवन, धूम्रपान, और शारीरिक गतिविधि की कमी शामिल है, स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है।

6. घन स्तन ऊतक: घन स्तन ऊतक में वसा ऊतक की तुलना में अधिक स्तन ग्रंथियां और संयोजी ऊतक होते हैं। घन स्तन ऊतक वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा थोड़ा अधिक होता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि स्तन कैंसर के कई संभावित कारण हैं, और किसी भी एक कारक को निश्चित रूप से कैंसर के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

Breast Cancer: स्तन कैंसर के जोखिम कारक

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Breast Cancer: स्तन कैंसर के जोखिम कारक

स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कई कारक हैं, जिनमें कुछ नियंत्रणीय और कुछ अनियंत्रणीय कारक शामिल हैं।

नियंत्रणीय जोखिम कारक:

  • जीवनशैली:
    • अस्वास्थ्यकर आहार: वसा और चीनी से भरपूर आहार, कम फल और सब्जियां खाना।
    • शराब का सेवन: अधिक शराब पीना स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
    • धूम्रपान: धूम्रपान न केवल फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ाता है, बल्कि स्तन कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकता है।
    • व्यायाम की कमी: नियमित व्यायाम न करना स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
    • मोटापा: अधिक वजन या मोटापे से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, खासकर रजोनिवृत्ति के बाद।
  • हार्मोनल कारक:
    • देर से गर्भधारण या बंध्यत्व: पहले बच्चे को जन्म देने में देरी, या कभी बच्चे को जन्म न देना, स्तन कैंसर के खतरे को थोड़ा बढ़ा सकता है।
    • मौखिक गर्भनिरोधक गोलियां: लंबे समय तक मौखिक गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करने से स्तन कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ सकता है।
    • हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT): रजोनिवृत्ति के बाद HRT का उपयोग करने से स्तन कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ सकता है।

अनियंत्रणीय जोखिम कारक:

  • उम्र: जैसे-जैसे महिलाएं बड़ी होती हैं, स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
  • पारिवारिक इतिहास: यदि आपके परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास है, तो आपको भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
  • वंश: श्वेत महिलाओं में गोरी महिलाओं की तुलना में स्तन कैंसर होने का खतरा थोड़ा अधिक होता है।
  • घन स्तन ऊतक: घन स्तन ऊतक में वसा ऊतक की तुलना में अधिक स्तन ग्रंथियां और संयोजी ऊतक होते हैं। घन स्तन ऊतक वाली महिलाओं में स्तन कैंसर होने का खतरा थोड़ा अधिक होता है।
  • स्तन में पूर्व कैंसर: यदि आपको पहले स्तन कैंसर हो चुका है, तो आपको भविष्य में स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • एटिपिकल स्तन कोशिकाएं: यदि आपके स्तनों में एटिपिकल स्तन कोशिकाएं हैं, तो आपको स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
Breast Cancer: स्तन कैंसर से बचाव

जीवनशैली में बदलाव:

  • स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों से भरपूर आहार लें। प्रोसेस्ड फूड, लाल मांस और ट्रांस फैट से बचें।
  • नियमित व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता वाला व्यायाम करें।
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें: यदि आप अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं, तो वजन कम करने से स्तन कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
  • शराब का सेवन सीमित करें: यदि आप शराब पीते हैं, तो इसे कम मात्रा में पिएं।
  • धूम्रपान न करें: धूम्रपान स्तन कैंसर सहित कई तरह के कैंसर का खतरा बढ़ा देता है।

हार्मोनल जोखिम कम करें:

  • जन्म नियंत्रण गोलियां: यदि आप जन्म नियंत्रण गोलियां लेती हैं, तो अपने डॉक्टर से उनके जोखिमों और लाभों के बारे में बात करें।
  • हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT): यदि आप रजोनिवृत्ति के बाद HRT लेती हैं, तो अपने डॉक्टर से इसके जोखिमों और लाभों के बारे में बात करें।

अन्य उपाय:

  • स्तनपान: यदि आप स्तनपान करा सकती हैं, तो स्तनपान कराने से स्तन कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
  • नियमित स्तन जांच: 20 वर्ष की आयु से हर महीने खुद स्तन की जांच करें और 40 वर्ष की आयु से हर साल मैमोग्राम करवाएं।
  • जोखिम वाले कारकों के लिए टेस्ट: यदि आपके पास स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास है, तो अपने डॉक्टर से BRCA जीन टेस्टिंग के बारे में बात करें।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि स्तन कैंसर को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है।

लेकिन, उपरोक्त उपायों का पालन करके आप अपने जोखिम को कम कर सकती हैं।

यदि आपको कोई चिंता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।

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